मत कहो आकाश में कोहरा घना है ।
दुष्यंत कुमार
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मत कहो आकाश में कोहरा घना है |
मत कहो आकाश में कोहरा घना है
मत कहो आकाश में कोहरा घना है
ये किसी की व्यक्तिगत आलोचना है
सूर्य हम ने भी नहीं देखा सुबह से
क्या करोगे सूर्य का क्या देखना है
इस सड़क पर इस क़दर कीचड़ बिछी है
हर किसी का पाँव घुटनों तक सना है
पक्ष-ओ-प्रतिपक्ष संसद में मुखर हैं
बात इतनी है कि कोई पुल बना है
रक्त वर्षों से नसों में खौलता है
आप कहते हैं क्षणिक उत्तेजना है
हो गई हर घाट पर पूरी व्यवस्था
शौक़ से डूबे जिसे भी डूबना है
दोस्तो अब मंच पर सुविधा नहीं है
आज-कल नेपथ्य में सम्भावना है
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#दुष्यन्त_कुमार
Aparichita-अपरिचिताकुछ अपने, कुछ पराए, कुछ अंजाने अज़नबी के दिल तक पहुँचने का सफर। aparichita-अपरिचिता इसमें लिखे अल्फ़ाज़ अमर रहेंगे, मैं रहूं न रहूं, उम्मीद है, दिल के बिखड़े टुकड़ो को संभालने का सफर जरूर आसान करेगी। aparichita-अपरिचिता इसमें कुछ अपने, कुछ अपनो के जज़बात की कहानी, उम्मीद है आपके भी दिल तक जाएगी।
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#दुष्यन्त_कुमार
# मत कहो आकाश में कोहरा घना है ।
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✍️दुष्यंत कुमार🥀
क्या बात है 👍🏻👌
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